जन्म कुंडली में तृतीय भाव को वीरता और साहस का भाव कहा जाता है। यह हमारी संवाद शैली और उद्देश्यों
श्रेणी: वैदिक ज्योतिष
कुंडली में सप्तम भाव – जानें विवाह भाव का महत्व
जन्म कुंडली में सप्तम भाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, जीवनसाथी तथा पार्टनर के विषय का बोध कराता है। यह नैतिक,
कुंडली में द्वितीय भाव – धन-धान्य और मौक़ों का द्वार
कुंडली के 12 भावों में से द्वितीय भाव को कुंटुंब भाव और धन भाव के नाम से जाना जाता है।
कुंडली में प्रथम भाव – स्वयं को जानने का मार्ग
जन्म कुंडली में प्रथम भाव यानि लग्न का विशेष महत्व है। हिन्दू ज्योतिष शास्त्र की उत्पत्ति ऋग्वेद से हुई है,
हस्तरेखा देखने का तरीका
हस्तरेखा देखने का तरीका हर कोई जानना चाहता है। यह ज्योतिष शास्त्र में बताई गई एक ऐसी विद्या है जिसके
चमत्कारिक यंत्र : जानें विभिन्न यंत्रों का महत्व एवं इनके लाभ
वैदिक ज्योतिष में चमत्कारिक यंत्रों के महत्व को विस्तार से बताया गया है। चमत्कारिक यंत्रों के अनेक फायदे होते हैं।
क्या होता है जब रात के 3 बजे अचानक खुलती है आँख?
रात के 3 बजे क्यों अचानक खुल जाती है आँख? क्या है इसके पीछे का कारण? क्या यह किसी बात
राशि के अनुसार चुनें करियर, मिलेगी ज़बरदस्त सफलता
वैदिक ज्योतिष में नौकरी/व्यवसाय का सही चयन करने के लिए जन्म कुण्डली में स्थित ग्रहों तथा नक्षत्र की स्थिति के
नाम के पहले अक्षर में छिपे हैं आपके ज़िंदगी के कई राज़!
क्या आप जानते हैं, आपके नाम का पहला अक्षर आपके व्यक्तित्व के कई राज़ उजागर करता है? यह आपके स्वभाव,
रत्न ज्योतिष : ये 7 रत्न जो बदल देंगे आपकी दुनिया
रत्न ज्योतिष में विभिन्न रत्नों के महत्व को बताया गया है। प्रत्येक राशि रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंध