वृश्चिक राशि में अस्‍त होंगे बुध – इन राशियों का होगा भाग्योदय!

वैदिक ज्‍योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और ज्ञान का कारक बताया गया है। बुध हमारी संचार क्षमता का प्रतिनिधित्‍व करते हैं। बुध एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करने के साथ ही अस्‍त और उदित भी होते हैं और 30 नवंबर को रात्रि 08 बजकर 19 मिनट पर बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त होने जा रहे हैं।

शास्‍त्रों में बुध को ग्रहों का राजकुमार बताया गया है। बुध ही वो ग्रह हैं जिनकी दी गई बुद्धि एवं ज्ञान से व्‍यक्‍ति को अपने व्‍यवसाय में अपार सफलता पाने का मौका मिलता है। बुध को एक द्वैतवादी ग्रह माना गया है। यह सूर्य के सबसे निकटतम ग्रहों में से एक है।

आज इस खास ब्‍लॉग के ज़रिए हम जानेंगे कि वृश्चिक राशि में अस्‍त होने पर बुध किन राशियों के जातकों को शुभ परिणाम प्रदान करेंगे और किन राशियों के जातकों को इस दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही बुध ग्रह से संबंधित अन्‍य महत्‍वपूर्ण बातों के बारे में भी जानेंगे।

30 नवंबर को रात 08 बजकर 19 मिनट पर बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त हो रहे हैं।

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क्‍या होता है अस्‍त होने का मतलब

ज्‍योतिषीय दृष्टि से जब कोई ग्रह सूर्य के इतना नज़दीक आ जाता है कि सूर्य के तेज और ओज की वजह से वह प्रभावहीन हो जाए, तो इस स्थिति में उस ग्रह को अस्‍त कहा जाता है। माना जाता है कि अस्‍त होने पर ग्रह का शुभ फल नहीं मिल पाता है। वे ग्रह कूपित कहलाता है।

ज्‍योतिष में चंद्रमा को 12 अंश पर, बुध को 13 अंश, मंगल को 07 अंश, गुरु को 11 अंश, शुक्र को 9 अंश और शनि को 15 अंश पर अस्‍त माना जाता है। कहने का मतलब है कि जब कोई ग्रह सूर्य की परिधि में इतने अंश तक आ जाता है, तो वह अस्‍त हो जाता है। वहीं दूसरी ओर, जब कोई ग्रह सूर्य के साथ है एवं उससे 15 डिग्री की दूरी पर है, तो उसे पूर्ण रूप से उदित माना जाता है। 8 डिग्री की दूरी होने पर मध्‍यम उदित और 7 डिग्री से कम दूरी होने पर बुध के अलावा बाकी सभी अस्‍त माने जाते हैं।

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बुध ग्रह की प्रकृति कैसी है

बुध को एक परिवर्तनशील और तटस्‍थ ग्रह माना गया है। यह अस्थिर एवं स्‍त्री तत्‍व वाला ग्रह है। बुध कभी भी स्‍वतंत्र रूप से कार्य नहीं करता है। यह हमेशा उस राशि और भाव के अनुसार व्‍यवहार करता एवं फल देता है, जिसमें यह बैठता है और जिसके साथ इसका संबंध होता है। शुभ ग्रहों के साथ जुड़ने पर बुध से सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त होते हैं। वहीं अगर बुध पापी ग्रहों के साथ बैठा है, तो अशुभ फल मिलते हैं।

बुध वात या वायु प्रकृति का है और इसकी दिशा उत्तर है। बुध कन्‍या राशि में 15वें अंश पर उच्‍च का होता है और मीन राशि में 15वें अंश पर नीच का होता है।

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बुध ग्रह की विशेषताएं क्‍या हैं

शुभ स्‍थान में बैठने पर बुध उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य, वाणी में मधुरता और ज्ञान प्रदान करता है। इसके प्रभाव से व्‍यक्‍ति के संचार कौशल में सुधार आता है और वह अपनी बातों से दूसरों को आसानी से प्रभावित कर पाता है। ये एक समय पर कई कार्य करने में सक्षम होते हैं।

बुध जब अनुकूल या उच्‍च राशि में होता है, तो व्‍यक्‍ति अपने विचारों को अच्‍छे से व्‍यक्‍त कर पाता है। उसकी वाणी में प्रभावशीलता बढ़ती है। बुध ग्रह जातक को बुद्धिमान, सरल और विश्‍लेष्‍णात्‍मक बनाता है। लाभकारी बुध व्‍यक्‍ति को ज्ञानी और तर्कशास्‍त्र का ज्ञाता बनाता है। ये राजनीति के क्षेत्र में निपुण होते हैं और वाद-विवाद करने में इन्‍हें कोई टक्‍कर नहीं दे पाता है। ये सब कुछ सीखने की इच्‍छा रखते हैं।

वहीं अगर बुध पीड़ित हो, तो जातक उन्‍मत्त हो जाता है। वह चतुर और चालाक बनता है। ये जुआरी, झूठे, धोखेबाज़ और दिखावा करने वाले हो सकते हैं। ये दूसरों से किए गए वादे को बड़ी आसानी से भूल जाते हैं। इनका मूड भी बार-बार बदलता रहता है।

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बुध ग्रह का रंग और शुभ अंक क्‍या है

ज्‍योतिषशास्‍त्र में प्रत्‍येक ग्रह का एक शुभ रंग एवं अंक है। यदि किसी ग्रह को प्रसन्‍न करना हो या उसके अशुभ प्रभावों को कम करना हो, तो उस ग्रह से संबंधित रंग का अधिक उपयोग करना चाहिए।

बुध ग्रह के लिए हरा रंग है। इस प्रकार बुध को खुश करने के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्‍त्र पहनने चाहिए।

मूलांक की बात करें, तो बुध का अंक 05 है और इसे सप्‍ताह में बुधवार का दिन समर्पित है। बुध ग्रह की पूजा एवं उपवास के लिए बुधवार का दिन ही निर्धारित किया गया है। यदि किसी व्‍यक्‍ति की बुध की महादशा चल रही है, तो उसे बुधवार के दिन अच्‍छे परिणाम मिल सकते हैं। बुध उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्‍व करते हैं।

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बुध को प्रसन्‍न करने के लिए सुबह क्‍या उपाय करें

अगर आपको बुध के अशुभ प्रभाव मिल रहे हैं एवं आप इस ग्रह की कृपा पाना चाहते हैं, तो सुबह के समय भगवान विष्‍णु की पूजा करें। विष्‍णु जी बुध के आराध्‍य देवता हैं। इस समय श्री विष्‍णुसहस्‍त्रनाम का पाठ करना भी शुभ रहता है।

बुध की महादशा के दौरान बुध की होरा और नक्षत्र में अभिमंत्रित बुध यंत्र को धारण या स्‍थापित किया जा सकता है। अश्‍लेषा, ज्‍येष्‍ठा और रेवती बुध के नक्षत्र हैं।

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बुध के लिए कौन सी से जड़ी पहन सकते हैं

बुध ग्रह की कृपा पाने या इससे मिल रहे नकारात्‍मक प्रभाव को कम करने के लिए विधारा की जड़ पहनी जाती है। बुधवार के दिन बुध के होरा और नक्षत्र में ही इस जड़ को पहनना चाहिए। बुध शांति के लिए चार मुखी और दस मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। 

बुध के लिए किन वस्‍तुओं का दान करना चाहिए

बुध ग्रह को शांत करने के लिए हरी घास, साबुत मूंग, पालक, नीले रंग के फूल, हरे रंग के वस्‍त्रों, कांस्‍य के बर्तन और हाथी के दांतों से बनी चीजों का दान करने का बहुत महत्‍व है। बुध से संबंधित दान बुधवार के दिन बुध के होरा एवं नक्षत्र में ही करना चाहिए।

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बुध ग्रह को शांत करने के लिए लाल किताब के उपाय

लाल किताब में ऐसे कई उपायों का उल्‍लेख किया गया है जिनकी मदद से बुध ग्रह को शांत किया जा सकता है। अगर किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में बुध कमज़ोर है, तो उसे पन्‍ना रत्‍न पहनना चाहिए। यदि किसी कारणवश आप पन्‍ना स्‍टोन नहीं पहन सकते हैं, तो इसकी जगह विधारा मूल को धारण कर सकते हैं। बुध ग्रह की शांति के लिए चार मुखी रुद्राक्ष भी पहना जाता है।

इसके अलावा रात को मूंग दाल भिगोकर रखें और सुबह इसे जानवरों को खिला दें। किसी मंदिर या धार्मिक स्‍थल पर चावल और दूध का दान करें।

वृश्चिक राशि में बुध अस्त – राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध महाराज तीसरे व छठे भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके लग्न भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के अधिपति देव हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए बुध देव आपके पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपकी कुंडली में ग्यारहवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए आपकी कुंडली में बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

मकर राशि 

मकर राशि  के जातकों के लिए बुध महाराज आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

कुंभ राशि 

कुंभ राशि वालों के लिए बुध देव आपके पांचवें व आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए बुध देव चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. बुध ग्रह के लिए कौन सा रत्‍न पहना जाता है?

उत्तर. बुध के लिए पन्‍ना स्‍टोन पहनना चाहिए।

प्रश्‍न 2. कन्‍या राशि के स्‍वामी ग्रह कौन हैं?

उत्तर. कन्‍या राशि के स्‍वामी बुध ग्रह हैं।

प्रश्‍न 3. बुध ग्रह की किस दिन पूजा होती है?

उत्तर. बुध ग्रह की बुधवार के दिन पूजा की जाती है।

प्रश्‍न 4. बुध को किसका कारक माना जाता है?

उत्तर. ज्‍योतिष में बुध को ज्ञान एवं वाणी का कारक माना गया है।

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