वृश्चिक राशि में शुक्र का गोचर : जानें अपनी राशिनुसार इसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को शुभ ग्रहों में से एक माना गया है। शुक्र की गोचर अवधि कुल 23 दिन की होती है। यानि एक राशि में 23 दिनों तक रहने के बाद शुक्र ग्रह दूसरी राशि में गोचर कर जाता है। किसी भी ग्रह का राशि परिवर्तन होना इंसान के जीवन को सकारात्मक या नकारात्मक ढंग से प्रभावित करता ही है। ऐसे में अगर आप किसी भी गोचर का अपने जीवन पर प्रभाव या जीवन की किसी अन्य समस्या का हल ढूंढना चाहते हैं तो देश के जाने-माने ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ कर आपकी समस्या का निवारण हो सकता है।

एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात!

ग्रहों की चाल हमारे जीवन को काफ़ी हद तक प्रभावित करती है। ऐसे में अगर आप भी इन ज्योतिषीय घटनाओं का अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की संपूर्ण और विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो  एस्ट्रोसेज की व्यक्तिगत और विस्तृत बृहत् कुंडली रिपोर्ट इसमें आपकी मदद कर सकती है। इसमें आपको ज्योतिष की दुनिया में महत्व रखने वाली इन सभी घटनाओं को आपके जीवन से जोड़कर सटीक, व्यक्तिगत और विस्तृत जानकारी प्रदान की जाती है।

अब बात करते हैं शुक्र के गोचर की तो, शुक्र ग्रह 11 दिसम्बर 2020, शुक्रवार की सुबह 05:04 बजे अपनी स्वराशि तुला से निकल कर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। शुक्र ग्रह को जीवन में तमाम भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। ऐसे में कुंडली में शुक्र की शुभ स्थिति इंसान को सभी तरह के सुख और विलासिता का भोग कराती हैं, वहीं शुक्र के शुभ स्थिति में ना होने से इंसान को अपने जीवन में इन सभी सुखों से वांछित रहना पड़ता है।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी आर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

भोर का तारा कहे जाने वाले शुक्र ग्रह का जहाँ शनि, बुध व केतु के साथ मित्रता का संबंध हैं, वहीं सूर्य, चंद्रमा और राहु के साथ इनका शत्रुवत संबंध माना जाता है। इसके अलावा मंगल और बृहस्पति इन दो ग्रहों के साथ शुक्र के संबंध सामान्य कहे जाते हैं।  इतना सब जानने के बाद आइये अब जानते हैं कि शुक्र ग्रह के इस राशि परिवर्तन का आपके जीवन में क्या और कैसे असर देखने को मिलेगा। यहाँ पढ़िए अपना राशिनुसार गोचर भविष्यफल।

यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

शुक्र गोचर – मेष राशि फलादेश

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह दूसरे और सातवें भाव का स्वामी है। यह आपके लिए मारक ग्रह भी कहलाता है। इस वजह से अत्यधिक शुक्र संबंधित कार्यों में संलिप्तता आपकी राशि के(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुक्र गोचर – वृषभ राशि फलादेश

आपके लिए शुक्र का कोई भी गोचर अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि शुक्र आपकी राशि का स्वामी ग्रह है। यह आपकी राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आप के छठे भाव का स्वामी भी है और अपने वृश्चिक राशि में (विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुक्र गोचर – मिथुन राशि फलादेश

आपकी राशि के लिए शुक्र पांचवे और बारहवें भाव का स्वामी है और शुक्र का यह गोचर आपकी राशि से छठे भाव में होगा। छठे भाव को विभिन्न प्रकार के संघर्षों का भाव भी कहा जाता है क्योंकि इस भाव(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुक्र गोचर – कर्क राशि फलादेश

शुक्र ग्रह आपकी राशि के लिए चौथे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। इस प्रकार यह आपके सुख और लाभ भाव का स्वामी होकर अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रह है और शुक्र का गोचर वृश्चिक राशि में आपके(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुक्र गोचर – सिंह राशि फलादेश

शुक्र ग्रह आपकी राशि के लिए तीसरे और दसवें भाव का स्वामी है। दसवाँ भाव आपके व्यवसाय अर्थात प्रोफेशन को भी बताता है और तीसरा भाव आपके भाई बहनों और आपके प्रयास (विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुक्र गोचर – कन्या राशि फलादेश

आपकी राशि के स्वामी बुध का परम मित्र शुक्र आपकी राशि के लिए दूसरे और नवम भाव का स्वामी है। इस प्रकार एक मारक भाव और दूसरा भाग्य भाव का स्वामी होने से शुक्र आपके लिए(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

गोचर की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखें यह वीडियो 

शुक्र गोचर – तुला राशि फलादेश

शुक्र ग्रह आपकी राशि का स्वामी है, इसलिए शुक्र का कोई भी गोचर आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होता है। आपकी राशि अर्थात आप के प्रथम भाव का स्वामी होने के साथ-साथ शुक्र(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुक्र गोचर – वृश्चिक राशि फलादेश

शुक्र ग्रह आपकी राशि के लिए सातवें तथा बारहवें भाव का स्वामी है और शुक्र का गोचर वृश्चिक राशि में आपकी ही राशि में होगा अर्थात आप के प्रथम भाव में। प्रथम भाव से हमारा मस्तिष्क, हमारी सोचने (विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुक्र गोचर – धनु राशि फलादेश

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह का गोचर बारहवें भाव में होगा। शुक्र ग्रह आपकी राशि के लिए छठे भाव के साथ साथ एकादश अर्थात लाभ भाव का स्वामी भी है और शुक्र ग्रह का द्वादश भाव में (विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुक्र गोचर – मकर राशि फलादेश

आपके लिए शुक्र ग्रह का गोचर एकादश भाव में होगा। शुक्र आपकी कुंडली में पंचम तथा दशम भाव का स्वामी ग्रह है। इस प्रकार केंद्र और त्रिकोण, दोनों भावों का स्वामी होने के कारण(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

राज योग रिपोर्ट से पाएं कुंडली में मौजूद सभी राज योग की जानकारी

शुक्र गोचर – कुम्भ राशि फलादेश

शुक्र का गोचर आपकी राशि के लिए विशेष महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि आपकी राशि के लिए शुक्र केंद्र भाव तथा त्रिकोण भाव अर्थात चतुर्थ भाव और नवम भाव का स्वामी होने (विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शुक्र गोचर – मीन राशि फलादेश

शुक्र का वृश्चिक राशि में होने वाला गोचर आपकी राशि से नवम भाव में अर्थात भाग्य भाव में होगा। नवम भाव सबसे मजबूत त्रिकोण भाव माना जाता है। इस भाव से आपका भाग्य, लंबी दूरी की यात्राएं, तीर्थ यात्राएं, (विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपको अवश्य पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।